भारतीय महापुरुषों के जीवनचरित के संबंध में प्राय बड़ी गड़बड़ी देखने को मिलती है। उनके लौकिक जीवन की सूचना देनेवाली निश्चित घटनाओं, तिथियों आदि का उल्लेख बहुत कम मिलता है। संत, महात्माओं और कवियों के संबंध में तो और भी कम सामग्री उपलब्ध है। कबीर, जायसी, सूरदास आदि की जीवनी आज भी अपूर्ण ज्ञात है और यही बात गोस्वामी तुलसीदास के संबंध में भी कही जा सकती है । उनके जन्म, माता-पिता, परिवार,गुरु आदि के संबंध में विभिन्न मत और जनश्रुतियों प्रचलित है। जिनका समावेश अनेक ग्रंथों में विस्तार से हुआ है। तुलसीदास के व्यक्तित्व का निरूपण हमें विभिन्न रूपों में देखने को मिलता हैं।
तुलसीदास का जन्म-समय
तुलसीदास के जन्म को लेकर पर्याप्त मतभेद मिलते हैं।
( १ ) ' शिवसिंह सरोज' के अनुसार तुलसीदास का जन्म संवत् १५८२ के लगभग हुआ था ।
( २ ) डॉ. ग्रियर्सनने 'घटरामायण 'के आधार पर तुलसीदास की जन्म- तिथि संवत् १५८९ मानी है। इसका डॉ. माताप्रसाद गुप्त ने भी समर्थन किया है।
( ३ ) मिर्जापुर के प्रसिद्ध रामभक्त पं. रामगुलाम द्विवेदी ने जनश्रुति के आधार पर इनका जन्म संवत् १५८९ स्वीकार किया है।
( ४ ) वेणीमाधवदास कृत ' मूल गोसाई - चरित ' में तुलसी का जन्म सावन शुक्ला ७ संवत् १५५४ है। वास्तव में यह तिथि ही अधिक प्रामाणिक मानी जा सकती है-
"पन्द्रह सै चौवन विषै कालिंदी के तीर ।
श्रावण शुक्ला सप्तमी तुलसी धरे सरीर ।। "
तुलसीदास का जन्म स्थान
साहित्य- शोध के पंडितों ने तुलसीदास के जन्म- स्थान के संबंध में अपने-अपने मत इस प्रकार व्यक्त किए हैं।
( १ ) आचार्य रामचंद्र शुक्ल, विजयानंद त्रिपाठी, रामबहोरी शुक्ल के मतानुसार तुलसी का जन्म स्थान राजापुर है।
( २ ) श्री चंद्रबली पाण्डेय के मतानुसार तुलसी की जन्मभूमि अयोध्या है ।
( ३ ) श्री रजनीकांत शास्त्री तुलसी का जन्म काशी में मानते हैं।
( ४ ) ग्रियर्सन ने सन् १८९३ में एक पुस्तक 'नोट्स ऑन तुलसीदास' लिखी। जिसके अनुसार तुलसी का जन्म स्थान तारी माना गया है।
( ५ ) डॉ. रामदत्त भारद्वाज का मत है कि तुलसी का जन्म -स्थान रामपुर है, जो सोरों (सूकर क्षेत्र) के निकट है।
( ६ ) लाला सीताराम, गौरीशंकर द्विवेदी तथा रामनरेश त्रिपाठी भी सोरों को तुलसीदास जी का जन्म- स्थान मानते हैं।