वाक्य शुद्धि (Vakya - Shuddhi)
वाक्य भाषा की मुख्य इकाई है। हमारा सोचना ,बोलना या किसी भाव को ग्रहण करना ये सब कुछ वाक्य में ही होता है । इस प्रकार वाक्य शब्दों का सार्थक समूह है। वाक्य में पद क्रम का यथास्थान होना जरूरी है।
भाषा सीखने का मुख्य उद्देश्य होता है- भाषा का शुद्ध प्रयोग करना अर्थात् शुद्ध बोलना और शुद्ध लिखना । भाषा में अशुद्धियां प्रायः वर्तनी और व्याकरण की ही अधिक होती है तथा वर्तनी की अशुद्धियां भी मात्रा और वर्णों से संबंधित होती है। भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान हमें व्याकरण से ही होता है।
वाक्य शुद्धि की परिभाषा:-
व्याकरण के नियमानुसार वाक्य में आई अशुद्धि को दूर कर उसे पुनः शुद्ध रूप में लिखना ही वाक्य शुद्धि कहलाता है।
वाक्यों में सामान्यतः निम्नलिखित 12 प्रकार की अशुद्धियां पाई जाती हैं-
[1] संज्ञा संबंधी अशुद्धियां
[2] सर्वनाम संबंधी अशुद्धियां
[3] विशेषण संबंधी अशुद्धियां
[4] क्रिया संबंधी अशुद्धियां
[5] क्रियाविशेषण संबंघीअशुद्धियां
[6] वचन संबंधी अशुद्धियां
[7] लिंग संबंधी अशुद्धियां
[8] कारक संबंधी अशुद्धियां
[9] योजक संबंधी अशुद्धियां
[10] श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द संबंधी अशुद्धियां
[11] अन्विति संबंधी अशुद्धियां
[12] पदक्रम की अशुद्धियां
[ 1 ] संज्ञा संबंधी अशुद्धियां
कई बार संज्ञा पद का उल्लेख करके उसका पुन:अनावश्यक पद के रूप में उल्लेख हो जाने से वाक्य बोझिल हो जाता है और उसकी प्रभावोत्पा- दकता में कमी आ जाती है।
1. उसके पिताजी अध्यापक लगे हुए हैं।
उसके पिताजी अध्यापक हैं।
2. तुम अपनी प्रतिज्ञा के शब्दों पर ध्यान दो ।
तुम अपनी प्रतिज्ञा पर ध्यान दो।
3.इस प्रश्न का समाधान मुझे मिल गया ।
इस प्रश्न का उत्तर मुझे मिल गया।
4. दादाजी प्रात: काल के समय नित्य घूमने जाते हैं ।
दादाजी प्रात:काल नित्य घूमने जाते हैं।
5. उसकी भाषा देवनागरी है।
उसकी लिपि देवनागरी है।
6. दिनभर घोड़े भौंकते रहे।
दिनभर कुत्ते भौंकते रहे।
7. मसूरी के दृश्यावलियां सुंदर हैं।
मसूरी के दृश्य सुंदर हैं।
8. पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ख्यातिप्राप्त प्रसिद्ध नेता थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ख्याति प्राप्त नेता थे ।
9. गांव के मनुष्य ईमानदार और परिश्रमी होते हैं।
गांव के लोग ईमानदार और परिश्रमी होते हैं।
10.आपने इस कहानी का कितना भाग पढ़ लिया?
आपने इस कहानी का कितना अंश पढ़ लिया ?
[ 2 ] सर्वनाम संबंधी अशुद्धियां
सर्वनाम के सही रूप में प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
1. मैंने शहर जाना है।
मुझे शहर जाना है।
2. यह वही छात्र है, उसको प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया है।
यह वही छात्र हैं, जिसको प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया है।
3. मैंने तेरे को कितना समझाया?
मैंने तुझे कितना समझाया ?
4.जैसा बोओगे,उसी प्रकार काटोगे।
जैसा बोओगे ,वैसा ही काटोगे ।
5. तुमके कितने भाई हैं?
तुम्हारे कितने भाई हैं?
6.वह उसके गांव से आज ही आया।
वह अपने गांव से आज ही आया।
7. विद्यालय के मैदान में कौन हो कौन हो रहा है?
विद्यालय के मैदान में क्या हो रहा हैं?
8. उसने जल्दी कार्यालय जाना था।
उसे जल्दी कार्यालय जाना था।
9. कोई ने यह काम करने को कहा था ।
किसी ने यह काम करने को कहा था ।
10. मैं तेरे को सजा दूंगा।
मैं तुम्हें सजा दूंगा ।
[ 3 ] विशेषण संबंधी अशुद्धियां
विशेषणों का अनावश्यक,अनुपयुक्त अथवा अनियमित प्रयोग करने से वाक्य में अनेक अशुद्धियां आ जाती है ,जिनका निराकरण करना आवश्यक है।
1. प्रत्येक बच्चे को तीन-तीन आम दीजिए।
प्रत्येक बच्चे को तीन आम दीजिए।
2. मोहन अच्छी अध्यापक है।
मोहन अच्छा अध्यापक है।
3. अब महंगाई भारी मात्रा में बढ़ रही है।
अब महंगाई बहुत बढ़ गई है।
4. 'कामायनी 'सबसे उत्तमतम महाकाव्य है।
'कामायनी 'सबसे उत्तम महाकाव्य है।
5. मीठा संगीत सुनकर आनंद आ गया।
मधुर संगीत सुनकर आनंद आ गया ।
6. विदेशी जहाज को गंभीर क्षति हुई।
विदेशी जहाज को भारी क्षति हुई।
7. एक संतरों की टोकरी ले आओ।
संतरों की टोकरी ले आओ।
8. हमारा वाला विद्यालय सबसे अच्छा है।
हमारा विद्यालय सबसे अच्छा है।
9. आकाश में दीर्घकाय बादल दिखाई दिया।
आकाश में विशालकाय बादल दिखाई दिया ।
10.यह प्रश्न बड़ा कठिन है।
यह प्रश्न बहुत कठिन है।
[ 4 ] क्रिया संबंधी अशुद्धियां
वाक्य में उचित क्रिया रूप प्रयुक्त न होने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है। वाक्य में 'अन्वय' का होना परम आवश्यक है। अन्वय का तात्पर्य है-
कर्ता और क्रिया तथा कर्म और क्रिया का पारस्परिक समन्वय। किन स्थितियों में कर्ता के अनुरूप क्रिया होगी और किन स्थितियों में क्रिया कर्म के अनुरूप होगी इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
1. सुरेश ने अध्यापिका से प्रश्न पूछा।
सुरेश ने अध्यापिका से प्रश्न किया।
2. पिताजी ने मुझे थप्पड़ खिंचा।
पिताजी ने मुझे थप्पड़ मारा।
3. सड़क पर दुर्घटना हुआ।
सड़क पर दुर्घटना हुई।
4.आपके लिए यह कार्य संभव नहीं हो सकता है।
आपके लिए यह कार्य संभव नहीं है।
5.आप आज मेरे कार्यालय आओ।
आप आज मेरे कार्यालय आइए।
6. अच्छे विद्यार्थियों को अध्यापक की आज्ञा माननी चाहिए।
अच्छे विद्यार्थियों को अध्यापक की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
7. बाढ़ पीड़ित कोष में करोड़ों रुपए संकलित हुए ।
बाढ़ पीड़ित कोष में करोड़ों रुपए जमा हुए ।
8. न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का आविष्कार किया ।
न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की।
9. महेश शेर देखा और भाग लिया।
महेश शेर को देखते ही भाग गया।
10.बिना परिश्रम के कोई सफल नहीं हो सकता ।
बिना परिश्रम किए कोई सफल नहीं हो सकता।
[5] क्रियाविशेषण संबंधी अशुद्धियां
( केवल ,मात्र, भर,ही)
इन क्रियाविशेषणों के अर्थों में बहुत कुछ समानता है। अत: इनमें से किन्हीं दो शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
1. मेरे पास केवल मात्र बीस रुपए हैं।
मेरे पास केवल बीस रुपए हैं।
2. रमेश बड़ा घमंडी है।
रमेश बहुत घमंडी है।
3. सड़क पर नहीं थूको।
सड़क पर मत थूको ।
4. इस अनाथ बच्चे को थोड़े खाना दे दो।
इस अनाथ बच्चे को थोड़ा खाना दे दो।
5. बारिश केवल रात में हो रही थी।
बारिश रातभर हो रही थी ।
6. रमा ने नताशा को ऊंचे से आवाज लगाई ।
रमाने नताशा को ज़ोर से आवाज़ लगाई ।
7. सुनीता को प्रसिद्धि रात -रात नहीं मिली।
सुनीता को प्रसिद्धि रातों-रात नहीं मिली।
8. ऐसा व्यायाम करो, जितना आवश्यक हो।
उतना व्यायाम करो, जितना आवश्यक हो।
9. पुस्तक विद्वतापूर्ण लिखी गई है।
पुस्तक विद्वतापूर्वक लिखी गई है।
10.शनै: उसको सफलता मिलने लगी।
शनै:शनै: उसको सफलता मिलने लगी ।
[6] वचन संबंधी अशुद्धियां
हिंदी में कुछ शब्द का हमेशा बहुवचन में प्रयोग किया जाता हैं। अत: उनका उचित बोध न होने के कारण तथा कर्ता एवं कर्म के वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त न होने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
1. महादेवी वर्मा ने अनेकों संस्मरण लिख डाले।
महादेवी वर्मा ने अनेक संस्मरण लिख डाले।
2. पिताजी ने कागज पर हस्ताक्षर कर दिया है ।
पिताजी ने कागज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
3. महिलायें बाजार जा रही थीं।
महिलाएं बाजार जा रही थीं।
4. यह बात सुन उसके होश उड़ गया।
यह बात सुन उसके होश उड़ गए।
5. ये कहानी पढ़कर मेरा मन प्रफुल्लित हुआ ।
यह कहानी पढ़कर मेरा मन प्रफुल्लित हुआ ।
6. मेरे सामानों का ध्यान रखना।
मेरे सामान का ध्यान रखना ।
7. अब आप खेलो।
अब आप खेलिए ।
8. प्रजा ने राजा की जय जयकार कर दिया ।
प्रजा ने राजा की जय जयकार की।
9. लेखकगण सभा में आया है।
लेखकगण सभा में आए हैं ।
10.भवन को आगों ने घेर लिए।
भवन को आग ने घेर लिया ।
[7] लिंग संबंधी अशुद्धियां
वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अनुसार उचित लिंग का प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
1. रमेश आठवें मंजिल में रहता है।
रमेश आठवीं मंजिल में रहता है।
2. स्त्रियों धैर्यवान होती हैं।
स्त्रियों धैर्यवती होती हैं।
3. सुनील ,रमेश और सारिका बाजार को गईं।
सुनील ,रमेश और सारिका बाजार को गए।
4. गुणवान महिला की सब प्रशंसा करते है।
गुणवती महिला की सब प्रशंसा करते है ।
5. परीक्षा की प्रणाली बदलना चाहिए।
परीक्षा की प्रणाली बदलनी चाहिए।
6. मीराबाई एक विद्वान कवयित्री थी।
मीराबाई एक विदुषी कवयित्री थी।
7. 'भगवद्गीता' हमारी भक्ति ग्रंथ है।
'भगवद्गीता' हमारा भक्ति ग्रंथ है ।
8. झांसी की रानी वीर थी।
झांसी की रानी वीरांगना थी।
9. दीपक के लौ जगमग उठी।
दीपक की लौ जगमगा उठी।
10. आत्मा अमर होता है।
आत्मा अमर होती है।
[ 8 ] कारक संबंधी अशुद्धियां
वाक्य में प्रयुक्त कारक के अनुसार उचित विभक्ति या परसर्ग न लगने से, अनावश्यक विभक्ति या परसर्ग लगने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
1. मैंने यह कार्य नहीं करना।
मुझे यह कार्य नहीं करना।
2. पेड़ पत्ते गिर रहे हैं।
पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं ।
3. गीता ने उपन्यास को पढ़ा।
गीता ने उपन्यास पढ़ा।
4. मेरे घर की दाईं ओर बगीचा है।
मेरे घर के दाईं ओर बगीचा है।
5. मेरी छत में बंदर बैठा है।
मेरी छत पर बंदर बैठा है।
6. क्रिकेट भारत की प्रिय खेल है।
क्रिकेट भारत का प्रिय खेल है।
7. हिमालय गंगा निकलती है।
हिमालय से गंगा निकलती है।
8. मरीज की दवाई खरीद लाओ ।
मरीज के लिए दवाई खरीद लाओ ।
9. जन्मदिन के अवसर पर मैंने अपनी छोटी बहन का उपहार दिया ।
जन्मदिन के अवसर पर मैंने अपनी छोटी बहन को उपहार दिया ।
10. कृष्ण जी ने कंस मारा।
कृष्ण जी ने कंस को मारा।
[ 9 ] योजक संबंधी अशुद्धिया
सही योजक शब्द नहीं लगाने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
1. आज रविवार था, अत: इसलिए मैं कार्यालय नहीं आया।
आज रविवार था, इसलिए मैं कार्यालय नहीं आया।
2. ज्यों ही मैं स्टेशन पहुंचा, बस चल पड़ी।
ज्यों ही मैं स्टेशन पहुंचा त्यों ही बस चल पड़ी।
3. यद्यपि अमित गरीब है, किंतु ईमानदार है।
यद्यपि अमित गरीब है तथापि ईमानदार है ।
4. तू पढ़ ले नहीं तो टी.वी. देख ले।
तू पढ़ ले या टी.वी. देख ले।
5. ठीक से काम करो अन्यथा नौकरी छोड़ दो।
ठीक से काम करो अथवा नौकरी छोड़ दो।
6. कार से चलेंगे और समय पर पहुंच जाएं।
कार से चलेंगे ताकि समय पर पहुंच जाएं।
7. यदि वह गाड़ी की चाबी मांगता, तब मैं अवश्य देता ।
यदि वह गाड़ी की चाबी मांगता तो मैं अवश्य देता ।
8. जैसा लिखो,जैसा रेखा ने लिखा।
ऐसा लिखो,जैसा रेखा ने लिखा ।
9. सीमा गा रही है और नीलम चुप है।
सीमा गा रही है पर नीलम चुप है।
10. राम कमजोर है, अतः तुम उस पर हावी हो रहे हो।
चूंकि राम कमजोर है, इसलिए तुम उस पर हावी हो रहे हो।
[ 10 ] श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द संबंधी अशुद्धियां
1. रेखा बहुत दिन है।
रेखा बहुत दीन है।
2. मंगल गृह पर जीवन है।
मंगल ग्रह पर जीवन है।
3. मंदिर का कपट बहुत बड़ा था।
मंदिर का कपाट बहुत बड़ा था।
4. तुम्हारे पास कूल चार धोती हैं।
तुम्हारे पास कुल चार धोती हैं।
5. सभी भक्तगण माता जी का प्रासाद लेकर जाना ।
सभी भक्तगण माताजी का प्रसाद लेकर जाना ।
6. आम का आचार बहुत खट्टा है।
आम का अचार बहुत खट्टा है।
7. दमयंती का बदन चंद्रमा के समान सुंदर है ।
दमयंती का वदन चंद्रमा के समान सुंदर है।
8. श्री कृष्ण अर्जुन के सुत थे।
श्री कृष्ण अर्जुन के सूत थे ।
9. शर में कमल खिले हैं ।
सर में कमल खिले हैं।
10.राकेश मेरा आरी है।
राकेश मेरा अरि है।
[11] अन्विति संबंधी अशुद्धियां
वाक्य में प्रयुक्त पदों को लिंग, वचन और कारक आदि के अनुरूप रखना ही अन्विति कहलाता है। अन्विति तीन प्रकार की होती है-
(क) कर्ता के साथ क्रिया की अन्विति
1. राजकुमार और राजकुमारी आ गई हैं।
राजकुमार और राजकुमारी आ गए हैं।
2.सुरेश,अमित या गीता जाएंगे।
सुरेश ,अमित या गीता जाएगी।
(ख) कर्म और क्रिया की अन्विति
1. राम ने चाय के साथ ब्रेड और पकौड़े खाया।
राम ने चाय के साथ ब्रेड और पकौड़े खाए ।
2. बच्चों से यह बात बताया नहीं गया ।
बच्चों से यह बात बताई नहीं गई।
( ग) विशेषण और विशेष्य की अन्विति
विशेषण का लिंग और वचन अपने विशेष्य के अनुसार होता है।
1. काला हिरन दौड़ रहे है।
काले हिरन दौड़ रहे हैं।
2. गोरा मुख पर काले तिल अच्छा लगता है।
गोरे मुख पर काला तिल अच्छा लगता है ।
[12 ] पदक्रम संबंधी अशुद्धियां
वाक्य के आशय को स्पष्ट करने हेतु प्रत्येक पद को यथास्थान रखना ही 'पदक्रम 'कहलाता है। वाक्य रचना करते समय यदि पदों को उचित स्थान पर प्रयुक्त न किया जाए तो वाक्य में अशुद्धि रहती है।
1. प्रधानमंत्री प्रथम पंडित भारत के जवाहरलाल नेहरू थे।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
2. दिल्ली अमित की बहन गई है।
अमित की बहन दिल्ली गई है।
3. अनन्य भक्त मीराबाई श्रीकृष्ण की थी ।
मीराबाई श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं।
4. बर्तन करने के लिए साफ नौकर को मालकिन ने कहा ।
मालकिन ने नौकर को बर्तन साफ करने के लिए कहा।
5. नींबू पानी ठंडा एक गिलास दीजिए।
एक गिलास ठंडा नींबू पानी दीजिए।
6. हिंदी साहित्य को भक्ति काल का 'स्वर्णकाल' माना जाता है।
भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का 'स्वर्णकाल' माना जाता है। ।
7. हिंदी के प्रथम सम्मानित होने वाले सुमित्रानंदन पंत ज्ञानपीठ से साहित्यकार हैं।
सुमित्रानंदन पंत ज्ञानपीठ से सम्मानित होने वाले हिंदी के प्रथम साहित्यकार हैं।
9. प्रत्येक आत्मनिर्भर को व्यक्ति होना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर होना चाहिए ।
10.मेहमान को प्लेट में रखकर नाश्ता दो।
मेहमान को नाश्ता प्लेट में रखकर दो ।
Written By:
Dr. Gunjan A. Shah
Ph.D. (Hindi)
Hindi Lecturer (Exp. 20+)
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